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विश्व ओज़ोन दिवस 2020 (World Ozone Day)

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 16 सितम्बर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है इसको ओजोन परत में होने वाली कमी की और ध्यान खींचने के लिए मनाया जाता है  इस दिन को विश्वव्यापी संगोष्ठी, भाषण और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों के आयोजन के द्वारा मनाया जाता है। स्कूलों में वार्षिक विज्ञान दिवस भी आयोजित किए जाते हैं और मीडिया के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई जाती है। वर्ल्ड ओज़ोन डे हानिकारक गैसों के उत्पादन और रिहाई को सीमित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर जोर देता है। विश्व ओज़ोन दिवस  का इतिहास 19 दिसंबर 2000 को ओजोन परत की कमी के कारण मॉन्ट्रियल कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने के लिए यह दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित किया गया था। मॉन्ट्रियल कन्वेंशन दुनिया भर के हानिकारक पदार्थों और गैसों को समाप्त करके ओजोन परत की रक्षा करने हेतु एक अंतरराष्ट्रीय संधि है।  विश्व ओज़ोन दिवस क्यों मनाया जाता है? 16 सितंबर, 1987 को मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये थे।  और ये दिन इसकी वर्षगांठ के रूप में भी मनाया जाता है जो  आज विश्व का सबसे सफल प्रोटोकॉल माना जाता है। इसका  इस दिन को एक ...

International Day of Democracy2020(अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2020)

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 15 सितम्बर 2020  को International Day of Democracy day यानि अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस  2020 हर वर्ष 15 सितम्बर को मनाया जाता है  यह दुनिया में लोकतंत्र की स्थिति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करता है.इसकी शुरवात 2007   से हुई जबकि पहला  अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2008 में मनाया गया था  इसका उदेश्य विश्व के सभी लोकतंत्रों की स्थितयों की समीक्षा करना है जिसमे नागरिकों,  अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, राष्ट्रीय शासी निकाय,  द्वारा एक आदर्श लोकतंत्र को बनया जाना है  जिसका उद्देश्य है लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रोत्साहित करना और बनाए रखना – साथ ही एक उपयुक्त विधि से इस दिवस का उत्सव मनाने के लिए सभी सदस्य राष्ट्रों को आमंत्रित किया, जिससे जन जागरूकता बढ़ाने की दिशा में योगदान मिलता है। लोकतंत्र संयुक्त राष्ट्र का एक मुख्य मूल्य है।  संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारों, विकास और शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देकर लोकतंत्र का समर्थन करता है।  संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद 75 वर्षों में, संयुक्त राष्ट्र ने किस...

हिंदी हमारी पहचान

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  14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में हर वर्ष मनया जाता है और हिंदी को भारतीय सविधान में राजभाषा का दर्जा प्राप्त है  इसको  प्रत्येक वर्ष दिवस के रूप में  मानाने की  शुरुआत  1953  से हुयी थी तो चलिए शुरू करते  है हिंदी दिवस के बारे बारे में रोचक जानकारी  हिंदी को पहचान कैसे मिली :   वर्ष 1918 में  गांधी जी   ने  हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। स्वतंत्र भारत की राष्ट्रभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया था |  सविधान के भाग XVII में अनुछेद 343 से 344 संघ की राजभाषा  से सबंधित है संघ की भाषा के संबध में सविधान में निम्नलिखित उपबंध किये गए है  देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली संघ की है परन्तु संघ द्वार आधिकारिक रूप से प्रयोग की जाने वाली संख्याओं का रूप अंतरष्ट्रीय होगा न की देवनागरी |  सविधान प्रारंभ होने के 15 वर्षो (1950 से 1965 तक )अंग्रजी का प्रयोग होगा आधिकारिक रूप उन प्र...

board news class 12 and 10 exam abaorded

1. The board will announce the result on the basis of  new marking scheme . Students who had appeared in the exams can expect their results by July 15, as mentioned in the board’s notification. However,  CISCE has not decided whether they will announce the result in mid-July . They also plan to come up with their own marking scheme. HRD Minister Ramesh Pokhriyal today in his tweet mentioned, “Students will be given the choice to decide if they want their results based on the methodology of assessment as decided by #CBSE or choose to write the exams again. I would like to reiterate that the health of students, parents, and teachers is our prime concern.” Read in Hindi:   CBSE Board Class 10th, 12th Result 2020 Live updates  Meanwhile, students opting to improve their performance  in the board exams (at a later date) will be considered final. The remaining CBSE papers which were postponed due to the  coronavirus  pandemic  were initially scheduled t...

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती Birth Anniversary of Father of Nation Mahatma Gandhi and Lal Bahadur Shastri Birth

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आज भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री  की जयंती है और आज की हमारी  पोस्ट  इन्ही दो महान व्यक्तियों को समर्पित है  महात्मा गाँधी के बारे में हम पहले ही पोस्ट लिख चुके है आप उसको महात्मा गाँधी की जीवनी और महत्मा गाँधी का भारत आगमन पढ़  सकते है                   लाल बहदुर शास्त्री  नाम -लाल बहादुर शास्त्री  जन्म -2 अक्टूबर 1904  मुगलसराय (उत्तर प्रदेश )   मृत्यु: 11 जनवरी 1966 ताशकन्द (पाकिस्तान) कर्यक्षेत्र -राजनीति ,स्वतंत्रता सेनानी  पद - भारत के दूसरे प्र्धानमंत्री  कर्यकाल - 1 जून 1964 -11 जनवरी 1966  पुरस्कार -भारत रत्न (मरणोपरांत ) पत्नी -ललिता शास्त्री  नारे :  " जय जवान-जय किसान  "            "मरो नहीं, मारो !" प्राम्भिक  जीवन :   इनके  पिता प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे अत: सब उन्हें मुंशीजी ही कहते थे।...

डॉ हरबर्ट डेविड क्लेबर कौन थे ? Who was Dr. Herbert David Kleber?

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  प्रारम्भिक जीवन : नाम - डॉ हर्बर्ट डेविड  जन्म- 19 जून, 1934 को अमेरिका के पेन्सिलवालिया पिट्सबर्ग    मृत्यु- 5 अक्टूबर 2018 ग्रीस( 84 साल )  पत्नी- मैरिएन फ़िशमैन  राष्टीयता -अमेरिकी कार्यक्षेत्र : ये अमेरिकी मनोचिक्त्सक और नशा सेवन में शोधकर्ता थे इन्होने 1968 में येल विश्वद्यालय में ड्रग डिपेंडेंस यूनिट की स्थापना की और मनोचित्सक के रूप में 1989 तक काम किया 1989 के बाद उन्होंने इसी यूनिट का नेतृत्वा किया इसके बाद वह उन्होने  व्हाइट हाउस में नेशनल ड्रग कंट्रोल पॉलिसी के कार्यालय में डिमांड रिडक्शन के लिए डिप्टी डायरेक्टर के रूप में ढाई साल तक काम किया                        उन्होंने नशे को नैतिक रूप कभी भी गलत नहीं या इसको विफलता के रूप में नहीं माना उन्होंने नशे की समस्या का  इलाज  करने के लिए  बहुत शोध /रिसर्च में काम किया और बहुत लोगो का इलाज उन्होंने किया                     1992 ...

लोकतन्त्र या भीड़तंत्र

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  कहते है भीड़ की कोई सकल या जाति धर्म नहीं होता ये बस एक रूढ़िगत और समाज के ठेकेदार लोग होते है जो अपने इंसाफ को कानून से ऊपर समझते है इसीलिए ये किसी की भी जान लेने के लिए उतारु रहते है  इनमे  पुलिस का खोफ नहीं रहता हाल झारखंड में चार बुजर्गो की हत्या इस लिए कर दी गयी क्युकि भीड़ को  शक था वो तंत्र मन्त्र करते है एक राजस्थान की घटना जिमे भीड़ द्वारा युवक को बुरी तरहे से पीटा गया  अस्पताल में दम तोड़ दिया उपुक्त मात्र सिमित है असल संख्या इससे ज्यादा हे  हर रोज देश के किसी किसी कोने में भीड़ का उग्र रूप देखने को मिलता है                    साल 2014 में ऐसे 3 मामले आए और उनमें 11 लोग ज़ख्मी हुए. जबकि 2015 में अचानक ये बढ़कर 12 हो गया. इन 12 मामलों में 10 लोगों की पीट-पीट कर मार डाला गया जबकि 48 लोग ज़ख्मी हुए. 2016 में गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्डी की वारदातें दोगुनी हो गई हैं. 24 ऐसे मामलों में 8 लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ीं जबकि 58 लोगों को पीट-पीट कर बदहाल कर दिया गया. 2017 म...