संदेश

motivational लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वैज्ञानिक हंस क्रिश्चियन ग्राम की जीवनी Biography of scientist Hans Christian gram in hindi

चित्र
हैंस क्रिश्चियन ग्रैम (Hans Christian Gram)  ने 1884 में एक जर्नल में ग्रैम-पॉज़िटिव (Gram- positive) और ग्रैम नेगेटिव (Gram-negative) नाम से अपनी खोज को पब्लिश किया. साथ ही बताया कि ग्रैम पॉज़िटिव बैक्टिरिया (Gram-Positive Bacteria) माइक्रोस्कोप (Microscope) से पर्पल कलर का दिखा, क्योंकि सेल की लेयर काफी मोटी थी जिस वजह से वो घुल नहीं पाई. वहीं, ग्रैम नेगेटिव बैक्टिरिया (Gram-Negative Bacteria) की सेल काफी पतले थे, जिस वजह से वो घुल पाए.   क्रिस्टियान ग्राम का जन्म 13 सितंबर 1853 में डेनमार्क में हुआ था। उनकी मौत के आठ दशक बाद तक ग्राम मेथड का प्रयोग किया जाता है। आज भी माइक्रोबयॉलजी की दुनिया में उनके योगदान को लोग याद करते हैं। अपनी एमडी पूरी करने के बाद उन्होंने शहर के म्यूनिसिपल हॉस्पिटल में रेजिडेंट फिजीशियन के तौर पर काम किया। उन्होंने मा इक्रोस्कोप से बैक्टीरिया (Bacteria) का पता लगाने वाली खास तकनीक की खोज 1884 में की थी. हैंस क्रिश्चियन ग्रैम (Hans Christian Gram) ने साल 1878 में कोपेनहैगन यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ मेडिसिन की डिग्री हासिल की. इ...

कठिन परिश्रम

चित्र
दोस्तों जिन्दगी में सफलता पानी है या फिर किसी चीज को पाना है तो उसके  लिए कठिनं परिश्रम बहुत जरुरी है।   जीवन में स्कूल की परीक्षा हो या अन्य लक्ष्य बिना कठिन परिश्रम के सफलता नहीं मिलती तभी  इसके लिए कोई हमारी मददत  नहीं कर सकता। स्वमी विवेकांनद कहते थे  "तुमको अंदर से बहार विकसित होना है कोई तुमको न सीखा सकता है न आध्यात्मिक बना सकता है। तुम्हरी आत्मा सिवा और कोई गुरु नहीं है " एक व्यक्ति में असीम शक्तिया होती है वो इस संसार में कुछ भी कर सकता है बस उसे करने में जो मेहनत की तपस्या लगती  है वो करने को व्यक्ति तैयार हो जाये तो संसार में कोई काम ऐसा  नहीं जो नामुमकिन हो सभी किये जा सकते है  कठिन परिश्रम के महान लोगो के विचार  मेहनत से हीं किस्मत बदलती है. कठिन परिश्रम से जी चुराने वाले तब तक दुःख पाते हैं, जबतक वो मेहनत करना शुरू नहीं कर देते हैं. एक  सपना  जादू से  हकीकत  नहीं  बन  सकता  ; इसमें  पसीना , दृढ  संकल्प   और  कड़ी  मेहनत  लगती...

स्वामी विवेकानंद

चित्र
  स्वामी विवेकानद का जन्म 12 जनवरी 1863 और मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुआ था वे वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यत्मिक गुरु थे।  उनका वास्तविक नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। उन्होने अमेरिका स्थित शिकागो में सन 1813 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की और से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदांत दर्शन अमेरिका  यूरोप  के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्दकी वक्तृता के कारण ही पहुंचा। उन्होने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी काम कर रहा है वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत "मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनो " के साथ करने के लिए जाना जाता है।  उनके सम्बोधन के इस प्रथम वाक्या ने सबका दिल जित लिया था।                                       उनको आज के युवा उनके विचारो से जानते है उनके   motivational विचार इस प्रकार है की हर कोई उससे motivated हो सकता है आप भी उनके विचारो से सी...

मन की शक्ति

चित्र
संसार के सभी काम मन  शक्ति पर आधारित है इस वर्तमान में मानव की उड़ान आंतरिक्ष तक पहुंच चुकी है इसका कारण मन की शक्ति है इंसान के अंदर मोजूद कई ऐसी  शक्तिया है होती है परंतु मानव को मालूम नहीं होता इसलिए मानव को अपने मन पर विश्वास होना चाहिए की  उसने उसने जो अपने  मन में ठाना है वह पूरा होकर रहेगा इसका उदहारण  मानव खुद है जिसने आदिम जीवन से निकलकर एक तकनिकी से भरा जीवन बनया यह मानव  मन  की असीम  शक्ति है इसलिए सफलता या अपने जीवन में कुछ भी पाना हो हमेशा में कर सकता हूँ  या कर    सकती हूँ।         जो पाना चाहते  हो  उसे सोते जागते हमेशा सोचते रहो  और उसको पाने की हर मुमकिन कोशिश करते रहो   मन की शक्तियों को एकाग्र करके अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होना।  अपने मन  में  किसी अन्य विचार को मत आने दो।  कोई भी आपके शक्तियों या आप पर उँगली उठाये उसके बारे में न सोचे बस अपने मन  में विश्वास करके  आगे बढे।  और लक्ष्य प्राप्...

समय प्रबंध कैसे करे

चित्र
दोस्तों सफलता पानी है तो समय प्रबंध  जरुरी है इतिहास गवाह जो लोग समय प्रबंधन करते है वो अपने लक्ष्य को जल्दी और आसानी से पा लेते है। अगर आप समय से अपना काम  पूरा नहीं करते तो  आपके लिए समय प्रबंध  बहुत जरुरी है।  समय प्रबंध  की टिप्स : सबसे पहले  रात में सोने  से पहले या सुबह उठाने से पहले दिनचर्या बनाए। हर वो काम जो दूसरे  करना है उसका समय निर्धारित करे। यहाँ तक खाना खाने का भी समय निर्धरित करे।   प्रत्येक काम का समय निर्धरित करे।  एक   काम के साथ दूसरा काम नहीं करना चाइये। मतलब अगर सुबह 9  बजे कोई काम करना है तो उसे उसी वक्त करे आगे न बढ़ाये इससे दूसरा काम रुक जायेगा  और दोनो समय पर नहीं हो पाएंगे।   एक कैलेंडर का प्रयोग करें. कैलेंडर का उपयोग आपके दैनिक गतिविधियों के प्रबंधन के लिए सबसे मौलिक कदम है.  अपने डेडलाइन का ध्यान रखें. आप अपने काम को कब समाप्त करना चाहते हैं उसका एक  deadline अ पने कैलेंडर पर अंकित कर लें अब अपने आप को इस तरह से  organise  करें कि आपक...

समय का महत्व

चित्र
समय कभी किसी के लिए नहीं रुकता   बस  चलता रहता  है  लेकिन सभी समय के साथ नहीं चलते है कुछ लोग जो समय के साथ चलते है  वो  आगे बढ़ते है परन्तु जो समय के साथ नहीं चलते समय  भी उनको पीछे छोड़ आगे बाद जाता है    समय किसी   पर निर्भर नहीं है जिसने समय   के महत्व को समझा उसने  उन्नति प्राप्त की संसार के बहुत से महापुरुष है जिन्हीने समय के महत्व को समझा और  सफलता प्राप्त की।  इसलया हमे भी समय का महत्व को समझना होगा  ताकी सफलता प्राप्त  जा सके।  वक्त के रेत को हाथो से पिसलने न दे क्योकि गुजरा वक्त  फिर से वापिस नहीं आता   हमें रोज दिन के सभी कामो के लिए समय निश्चिन्त करना   होगा   भगवान ने प्रत्येक मनुष्य को एक निश्चित उद्देश्य और निश्चित समय के साथ पृथ्वी पर भेजा है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में नपा-तुला समय होता है। जब हम ज्यादातर समय को बेकार के कामों में व्यतीत कर देते हैं तब हमें होश आता है। समय के महत्व पर एक कहावत भी ...

जिद्द और जूनून की कहानी

चित्र
आज जिद्द और जूनून  की बात हो रही है क्युकि कुछ लोग अपनी जिद्द और जूनून  के कारण ही प्रसिद्ध हो जाते  है कोई इनको पागल कहता है तो कोई सनकी फिर भी इनके जिद्द  ने ऐसा कुछ करा है जो दुसरो के काम आयी  है इतिहास के पन्नो  में  बहुत से लोग  है जिन्होने  अपनी जिद में सफलता पाई है ऐसे  बहुत से नाम है लेकिन   आज बात माउंटेन मेन द्दशरत माझी की है इन्होने  केवल एक हथोड़ा   और  छेनी  लेकर इन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली।  22 वर्षों परिश्रम के बाद, दशरथ के बनायी सड़क ने अतरी और वजीरगंज ब्लाक की दूरी को 55 किमी से 15 किलोमीटर कर दिया।   इनको आज इसी काम द्वारा   मांझी 'माउंटेन मैन' के रूप में ख्याति मिली । उनकी इस उपलब्धि के लिए बिहार सरकार ने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में 2006 में  पद्म श्री  हेतु उनके नाम का प्रस्ताव रखा।    इनका जीवन काफी संघर्ष से गुजरा ये काफी काम उम्र में घर से भाग गए थे ...

मन के हारे हार मन के जीते जीत

चित्र
मन बहुत बलवान है। शरीर की सब क्रियाएं मन पर निर्भर करती है । यदि मन में शक्ति, उत्साह और उमंग है तो शरीर भी तेजी से कार्य करता है। अतः व्यक्ति की हार जीत उसके मन की दुर्बलता सबलता पर निर्भर है।  इंसान के जीवन में कई प्रकार के सुख दुःख आते जाए रहते है जो बिल्कुल हमारे  मौसम के तरह बदलते रहते  है लेकिन कुछ इंसान ऐसे भी होते जो सुख को तो जीते  है परन्तु दुःख के पलो  को भी मुस्कराकर जीते है क्योकि उन्हे पता होता है की हर रात के बाद सवेरा होता है यानि दुख के बाद भी उन्हें सुख मिलेगा जिंदगी का यही नियम है सफलता भी इसी की एक कड़ी है अगर मन  में सोच लिया है  सफल होना है तो एक दिन होकर रहेंगे इसका एक उदहारण  "अब्राहम लिंकन भी अपने जीवन में कई बार असफल हुए और अवसाद में भी गए, किन्तु उनके साहस और सहनशीलता के गुण ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ सफलता दिलाई। अनेकों चुनाव हारने के बाद 52 वर्ष की उम्र में अमेरिका के राष्ट्रपती चुने गए।" जिंदगी  हार जीत के अनुभव काफी काम आते  है  जीत पाने के लिए भी हार  से कुछ सीखना  पड़ता है ...

असफल लोगो की सफल कहानी

चित्र
सफलता एक शब्द नहीं है |  ये किसी भी व्यक्ति के वयक्तित्व को प्रदर्शित करते है अगर व्यक्ति जिंदगी में  सफल है तो दुनिया  उसके पीछे है  उसको शाबशी  देती है अगर नहीं है तो दुनिया उनका  मजाक बनाती है    कुछ  जिंन्दगी के शुरुआती  में  असफल होने के बाद  भी कुछ अलग करने की चाह   रखते है  यही  चाहत  उन्हे दुनिया की भीड़ से अलग करती  है  | और  उन्हें   अलग इंसान बना देती है  और उनका  नाम  इतिहास के सुनहरे पन्नो में लिख दिया जाता है और सफल होने के लये मात्र पढाई लिखाई  काफी नहीं है उसके सात किसी गोले को पाने की चाहत ,जूनून भी  होना किये किताब सिर्फ बेसिक नॉलेज पूरा करती है  बाकि आप दुनिया से सीखते है | ऐसे ही कुछ लोगो की कहानी नीचे दी गयी है |     अल्बर्ट आइंस्टीन दुनिया में जीनियस के तौर पर पहचाने जाने वाले वैज्ञानिक आइंस्टीन चार साल तक बोल और सात साल की उम्र तक पढ़ नहीं पाते थे. इस कारण उनके ...

किसी एग्जाम में सफल होने का मंत्र

चित्र
syllabus :  किसी भी एग्जाम का सिलेबस को अच्छी तरह से पढ़े और सिलेबस की एक एक word  को    अच्छे से समझे |   Exam Pattern:किसी एग्जाम के कितने चरण है और किस प्रकार है   पिछले सालो एग्जाम पेपर को देकना और उसमे से कोने से सेक्शन से ज्यादा प्रश्न आ रहे |   किताबे  किसी भी exam के लिये एक अच्छी  सी किताब ख़रीदे जो आपके एग्जाम को सही से बताती हो  पिछले सालो के टोपेर्सो  द्वारा  लिखे गए मोटिवेसनल ब्लॉग पड़े या विडिओ देके|  कढ़ी  मेहनत अगर एग्जाम निकला है तो एग्जाम की डिमांड को समझते होये कठोर मेहनत करे  समय प्रबंध  समय का सही उपयोग बहुत जरुरी है