जलवायु परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन वर्तमान में बहुत सुनाई देता जा रहा है और यह मौसम वैज्ञानिको के लिए चिंता का विषय बना होआ है आये दिन मौसम से सम्बंधित कुछ न कुछ घटनाये घटित होती जा रही है। जलवायु परिवर्तन को समझते है।
जलवायु और मौसम :
अक्सर लोग जलवायु और मौसम को एक समझते है लेकिन ये दोनों अलग होते है मौसम रोज सुबह शाम आस पास के वातावरण में होने वाले परिवर्तन को कहते है जबकि जलवायु शब्द किसी स्थान पर पिछले कई वर्षो के अंतराल में हुये मौसम की स्थिति को बताता है इसका पता लगाने के लिए जलवायु वैज्ञानिक 30 वर्षो का समय पर्याप्त मानते है।
जलवयु परिवर्तन :
अध्यन में सामने आया है कि पृथ्वी में गर्मी बढ़ रही है आज विश्व पिछले 2000 वर्षो से ज्यादा गर्म है 20 वी शतब्दी के दौरान वैश्विक तापमान लगभग 0.6 डिग्री C तक बढ़ा है हर रोज मौसम में परिवर्तन नजर आते है कभी 1 घंटे की बरसात होती तो उसके थोड़ी देर बाद तेज धुप लगती है परन्तु यही घटना किसी एक स्थान में सालो तक रहती है तो वह उस स्थान की जलवायु बन जाती है जलवायु में परिवर्तन का उदहारण हिमयुग है
क्या यह परिवर्तन लाने में मानव का योगदान है :
जलवायु परिवर्तन प्रकति द्वारा होता है परन्तु मानव ने जब से औद्योगिक क्रांति लाया है जलवायु में तेजी से बदलाव आये है
- मशीनों का अधिक मात्रा में उपयोग।
- कोयला उपयोग।
- वनो का अधिक मात्रा में कटाई।
- कार्बन डाई ऑक्साइड का अधिक मात्रा में उत्सृजन।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव :
- हिम पिघलने में वृद्धि
- समुद्री जल स्तर में वृद्धि।
- परितंत्र /जैवविवधिता का ह्रास।
- कृषि उत्पादन में कमी.
- मानव स्वस्थ्य में बीमारयों में वृद्धि।
- मौसमी समस्याओ में वृद्धि। जैसे आंधी ,तूफान अदि।
जलवायु परिवर्तन में कमी के उपाय :
- वाहनों का काम उपयोग।
- वृक्षों को अधिक मात्रा में लगाना।
- वर्षा जल का संचयन।
- रिसाइकिल वस्तुओ का अधिक मात्रा में उपयोग।
- प्लास्टिक बेग की जगह कपडे के थैले का उपयोग करे।
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