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जुलाई, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मन की शक्ति

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संसार के सभी काम मन  शक्ति पर आधारित है इस वर्तमान में मानव की उड़ान आंतरिक्ष तक पहुंच चुकी है इसका कारण मन की शक्ति है इंसान के अंदर मोजूद कई ऐसी  शक्तिया है होती है परंतु मानव को मालूम नहीं होता इसलिए मानव को अपने मन पर विश्वास होना चाहिए की  उसने उसने जो अपने  मन में ठाना है वह पूरा होकर रहेगा इसका उदहारण  मानव खुद है जिसने आदिम जीवन से निकलकर एक तकनिकी से भरा जीवन बनया यह मानव  मन  की असीम  शक्ति है इसलिए सफलता या अपने जीवन में कुछ भी पाना हो हमेशा में कर सकता हूँ  या कर    सकती हूँ।         जो पाना चाहते  हो  उसे सोते जागते हमेशा सोचते रहो  और उसको पाने की हर मुमकिन कोशिश करते रहो   मन की शक्तियों को एकाग्र करके अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होना।  अपने मन  में  किसी अन्य विचार को मत आने दो।  कोई भी आपके शक्तियों या आप पर उँगली उठाये उसके बारे में न सोचे बस अपने मन  में विश्वास करके  आगे बढे।  और लक्ष्य प्राप्...

समय प्रबंध कैसे करे

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दोस्तों सफलता पानी है तो समय प्रबंध  जरुरी है इतिहास गवाह जो लोग समय प्रबंधन करते है वो अपने लक्ष्य को जल्दी और आसानी से पा लेते है। अगर आप समय से अपना काम  पूरा नहीं करते तो  आपके लिए समय प्रबंध  बहुत जरुरी है।  समय प्रबंध  की टिप्स : सबसे पहले  रात में सोने  से पहले या सुबह उठाने से पहले दिनचर्या बनाए। हर वो काम जो दूसरे  करना है उसका समय निर्धारित करे। यहाँ तक खाना खाने का भी समय निर्धरित करे।   प्रत्येक काम का समय निर्धरित करे।  एक   काम के साथ दूसरा काम नहीं करना चाइये। मतलब अगर सुबह 9  बजे कोई काम करना है तो उसे उसी वक्त करे आगे न बढ़ाये इससे दूसरा काम रुक जायेगा  और दोनो समय पर नहीं हो पाएंगे।   एक कैलेंडर का प्रयोग करें. कैलेंडर का उपयोग आपके दैनिक गतिविधियों के प्रबंधन के लिए सबसे मौलिक कदम है.  अपने डेडलाइन का ध्यान रखें. आप अपने काम को कब समाप्त करना चाहते हैं उसका एक  deadline अ पने कैलेंडर पर अंकित कर लें अब अपने आप को इस तरह से  organise  करें कि आपक...

समय का महत्व

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समय कभी किसी के लिए नहीं रुकता   बस  चलता रहता  है  लेकिन सभी समय के साथ नहीं चलते है कुछ लोग जो समय के साथ चलते है  वो  आगे बढ़ते है परन्तु जो समय के साथ नहीं चलते समय  भी उनको पीछे छोड़ आगे बाद जाता है    समय किसी   पर निर्भर नहीं है जिसने समय   के महत्व को समझा उसने  उन्नति प्राप्त की संसार के बहुत से महापुरुष है जिन्हीने समय के महत्व को समझा और  सफलता प्राप्त की।  इसलया हमे भी समय का महत्व को समझना होगा  ताकी सफलता प्राप्त  जा सके।  वक्त के रेत को हाथो से पिसलने न दे क्योकि गुजरा वक्त  फिर से वापिस नहीं आता   हमें रोज दिन के सभी कामो के लिए समय निश्चिन्त करना   होगा   भगवान ने प्रत्येक मनुष्य को एक निश्चित उद्देश्य और निश्चित समय के साथ पृथ्वी पर भेजा है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में नपा-तुला समय होता है। जब हम ज्यादातर समय को बेकार के कामों में व्यतीत कर देते हैं तब हमें होश आता है। समय के महत्व पर एक कहावत भी ...

भारत में सिंधु नदी तंत्र

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भारत में नदी तंत्र के बारे में पहले बात की जा चुकी है इसके नदियों के  तंत्र को एक  एक करके समझेंगे | सिंधु नदी तंत्र मानचित्र पर    1     सिंधु नदी तंत्र :     भारत के उत्तेर -पश्चिम भाग में  सिंधु और उसकी सहयक नदियो का विस्तृत क्षेत्र है अकेले सिंधु हिमालय प्रदेश में 250000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अपवाहित होती है सतलुज ,व्यास ,रावी ,चिनाब ,झेलम जैसी प्रशिद्ध नदियाँ  इसकी सहायक नदियाँ है  इसमें झेलम पीरपंजाल पर्वत से निकलती है बाकि सभी हिमालय पर्वत से निकलती है विभाजन के बाद इस तंत्र का बहुत सा भाग पकिस्तान  में  चला  गया   इस तंत्र की नदिया इस प्रकार है |     पाकिस्तान में सिंधु  सिंधु नदी :    यह तिबब्त में 5 ,180 मीटर की ऊंचाई से मानसरोवर झील के निकट प्रकट होती है अपने पश्चिम ,उतर पश्चिम  दिशा में लगभग ३२० किलोमीटर की दूरी  से बहने  के बाद यहां नदी   4202   मीटर की ऊंचाई  से जम्मू तथा कश...

जिद्द और जूनून की कहानी

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आज जिद्द और जूनून  की बात हो रही है क्युकि कुछ लोग अपनी जिद्द और जूनून  के कारण ही प्रसिद्ध हो जाते  है कोई इनको पागल कहता है तो कोई सनकी फिर भी इनके जिद्द  ने ऐसा कुछ करा है जो दुसरो के काम आयी  है इतिहास के पन्नो  में  बहुत से लोग  है जिन्होने  अपनी जिद में सफलता पाई है ऐसे  बहुत से नाम है लेकिन   आज बात माउंटेन मेन द्दशरत माझी की है इन्होने  केवल एक हथोड़ा   और  छेनी  लेकर इन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली।  22 वर्षों परिश्रम के बाद, दशरथ के बनायी सड़क ने अतरी और वजीरगंज ब्लाक की दूरी को 55 किमी से 15 किलोमीटर कर दिया।   इनको आज इसी काम द्वारा   मांझी 'माउंटेन मैन' के रूप में ख्याति मिली । उनकी इस उपलब्धि के लिए बिहार सरकार ने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में 2006 में  पद्म श्री  हेतु उनके नाम का प्रस्ताव रखा।    इनका जीवन काफी संघर्ष से गुजरा ये काफी काम उम्र में घर से भाग गए थे ...

मन के हारे हार मन के जीते जीत

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मन बहुत बलवान है। शरीर की सब क्रियाएं मन पर निर्भर करती है । यदि मन में शक्ति, उत्साह और उमंग है तो शरीर भी तेजी से कार्य करता है। अतः व्यक्ति की हार जीत उसके मन की दुर्बलता सबलता पर निर्भर है।  इंसान के जीवन में कई प्रकार के सुख दुःख आते जाए रहते है जो बिल्कुल हमारे  मौसम के तरह बदलते रहते  है लेकिन कुछ इंसान ऐसे भी होते जो सुख को तो जीते  है परन्तु दुःख के पलो  को भी मुस्कराकर जीते है क्योकि उन्हे पता होता है की हर रात के बाद सवेरा होता है यानि दुख के बाद भी उन्हें सुख मिलेगा जिंदगी का यही नियम है सफलता भी इसी की एक कड़ी है अगर मन  में सोच लिया है  सफल होना है तो एक दिन होकर रहेंगे इसका एक उदहारण  "अब्राहम लिंकन भी अपने जीवन में कई बार असफल हुए और अवसाद में भी गए, किन्तु उनके साहस और सहनशीलता के गुण ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ सफलता दिलाई। अनेकों चुनाव हारने के बाद 52 वर्ष की उम्र में अमेरिका के राष्ट्रपती चुने गए।" जिंदगी  हार जीत के अनुभव काफी काम आते  है  जीत पाने के लिए भी हार  से कुछ सीखना  पड़ता है ...

लोकतन्त्र या भीड़तंत्र

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  कहते है भीड़ की कोई सकल या जाति धर्म नहीं होता ये बस एक रूढ़िगत और समाज के ठेकेदार लोग होते है जो अपने इंसाफ को कानून से ऊपर समझते है इसीलिए ये किसी की भी जान लेने के लिए उतारु रहते है  इनमे  पुलिस का खोफ नहीं रहता हाल झारखंड में चार बुजर्गो की हत्या इस लिए कर दी गयी क्युकि भीड़ को  शक था वो तंत्र मन्त्र करते है एक राजस्थान की घटना जिमे भीड़ द्वारा युवक को बुरी तरहे से पीटा गया  अस्पताल में दम तोड़ दिया उपुक्त मात्र सिमित है असल संख्या इससे ज्यादा हे  हर रोज देश के किसी किसी कोने में भीड़ का उग्र रूप देखने को मिलता है                    साल 2014 में ऐसे 3 मामले आए और उनमें 11 लोग ज़ख्मी हुए. जबकि 2015 में अचानक ये बढ़कर 12 हो गया. इन 12 मामलों में 10 लोगों की पीट-पीट कर मार डाला गया जबकि 48 लोग ज़ख्मी हुए. 2016 में गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्डी की वारदातें दोगुनी हो गई हैं. 24 ऐसे मामलों में 8 लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ीं जबकि 58 लोगों को पीट-पीट कर बदहाल कर दिया गया. 2017 म...

भारत में नदियों का महत्व

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भारतीय नदिया का सामजिक,सांस्कृतिक ,आर्थिक महत्वा है  सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं - सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का आर्विभाव हुआ।    इसलिए भारत में ये पूजनीया मानी जाती है इसी कड़ी में ये भारत में विवधिताओ एक महत्वपूर्ण भूमिका इन  नदियो की भी है जो हर क्षेत्र में अपना एक अलग रूप ,परंपरा ,सभ्यता , पर आधारित होती है भारत में वर्तमान में भी अधिकतर कृषि प्रधान जनसँख्या नदी तटों के किनारे निवास करती है    प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से सम्बद्ध है।भारत की नदियों को अलग अलग तंत्रो के रूप में पहचाना जा सकता है        भारत में  नदी तंत्र काफी बड़ा है परन्तु इसमें 4 तंत्रो को मुखिया रूप में बनता जाता है   सिंधु नदी तंत्र  हिमालय नदी तंत्र  ब्रम्पुत्र नदी तंत्र  प्रयद्वीपय नदी तंत्र    भारत में होने वा...

भारत में विविधिता

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भारत विविधिताओं से भरा  देश  है |  29 राज्य  और 7 केंद्रशासित प्रदेशो में बंटे इस देश में  कई  भाषाई ,सांस्कृतिक ,और  भौगोलिक विविधिताये पायी जाती  है  यहाँ हर एक राज्य की अपनी अपनी विवधिताये है  भौगोलिक दृष्टि से भारत   विविधताओं का देश है, फिर भी सांस्कृतिक रूप से एक इकाई के रूप में इसका अस्तित्व प्राचीनकाल से बना हुआ है।   इस विशाल देश में उत्तर का पर्वतीय भू - भाग, जिसकी सीमा पूर्व में ब्रह्मपुत्र  और पश्चिम में सिंधु नदी तंत्र   तक विस्तृत है।           राजनीतिक विविधता ऐतिहासिक अध्ययन से ज्ञात होता है कि मोर्य ,गुप्त  तथा अंग्रेज  के शासनकाल को यदि छोड़ दिया जाए तो भारत कभी संगठित नहीं रहा, बल्कि भारत के विभिन्न भागों पर एक ही समय में कई नरेशों ने शासन किया, उदाहरणार्थ - अगर उत्तर भारत पर हर्षवर्धन  का शासन था, तो उसी समय बंगाल  में पाल वंशीय  शासकों का तथा दक्षिण में चालुक...

असफल लोगो की सफल कहानी

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सफलता एक शब्द नहीं है |  ये किसी भी व्यक्ति के वयक्तित्व को प्रदर्शित करते है अगर व्यक्ति जिंदगी में  सफल है तो दुनिया  उसके पीछे है  उसको शाबशी  देती है अगर नहीं है तो दुनिया उनका  मजाक बनाती है    कुछ  जिंन्दगी के शुरुआती  में  असफल होने के बाद  भी कुछ अलग करने की चाह   रखते है  यही  चाहत  उन्हे दुनिया की भीड़ से अलग करती  है  | और  उन्हें   अलग इंसान बना देती है  और उनका  नाम  इतिहास के सुनहरे पन्नो में लिख दिया जाता है और सफल होने के लये मात्र पढाई लिखाई  काफी नहीं है उसके सात किसी गोले को पाने की चाहत ,जूनून भी  होना किये किताब सिर्फ बेसिक नॉलेज पूरा करती है  बाकि आप दुनिया से सीखते है | ऐसे ही कुछ लोगो की कहानी नीचे दी गयी है |     अल्बर्ट आइंस्टीन दुनिया में जीनियस के तौर पर पहचाने जाने वाले वैज्ञानिक आइंस्टीन चार साल तक बोल और सात साल की उम्र तक पढ़ नहीं पाते थे. इस कारण उनके ...